ए क्वेस्ट ऑफ हीरोज
मॉर्गन राइस के बारे में
मॉर्गन राइस द वैम्पायर जर्नल्स, ग्यारह पुस्तकों (आगे जारी है) की एक युवा वयस्क श्रृंखला; #१ बेस्टसेलिंग श्रृंखला द सर्वाइवल ट्राइलॉजी, दो पुस्तकों (आगे जारी है) का एक पूर्व-अंतर्भासी थ्रिलर; और #१ बेस्टसेलिंग काल्पनिक श्रृंखला महाकाव्य द सॉर्सरर’ज रिंग, तेरह पुस्तकों (आगे जारी है) के #१ बेस्टसेलिंग लेखक है।
मॉर्गन की पुस्तकें ऑडियो और प्रिंट संस्करणों में उपलब्ध हैं, और पुस्तकों का अनुवाद जापानी, चीनी, स्वीडिश, डच, तुर्की, हंगरी, चेक और स्लोवाक, पुर्तगाली, स्पेनिश, इतालवी, फ्रेंच, जर्मन (आगामी अधिक भाषाओं के साथ) में उपलब्ध हैं।
टर्न्ड (वैम्पायर जर्नल्स में पुस्तक #१), एरीना वन (द सर्वाइवल ट्राइलॉजी में पुस्तक #१) और (जादूगर की रिंग में पुस्तक #१) ए क्वेस्ट ऑफ हीरोज में से प्रत्येक गूगल प्ले पर मुफ्त डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं!
मॉर्गन आप से सुनना पसंद करते हैं, तो नवीनतम समाचार देखने, मुफ्त पुस्तक व प्रचार प्राप्त करने, मुफ्त एप्लिकेशन डाउनलोड करने, फेसबुक और ट्विटर पर जुड़ने व ईमेल सूची में शामिल होने के लिए www.morganricebooks.com पर जाने के लिए कृपया स्वतंत्र महसूस करें!
मॉर्गन राइस के लिए प्रशंसा का चयन करें
“एक उत्साही कल्पना जो कहानी की रुपरेखा में रहस्य और साज़िश के तत्वों को बुनती है। ए क्वेस्ट ऑफ हीरोज साहस निर्माण और जीवन के उद्देश्य के बारे में है जो विकास, परिपक्वता, और उत्कृष्टता की ओर ले जाता है.... भावपूर्ण काल्पनिक रोमांच, साजोसामान और एक्शन की इच्छा करने वालों को जोरदार मुठभेड़ों का समूह प्रदान करती है जो अस्तित्व के लिए एक स्वप्निल बच्चे से युवा व्यस्क में असंभव बाधाओं का सामना करने वाले मुख्य पात्र थोर पर केंद्रित है....केवल शुरुआत जो एक युवा वयस्क श्रृंखला महाकाव्य होने का वादा करती है।”
-मिडवेस्ट पुस्तक समीक्षा (डी डोनोवन, ईबुक समीक्षक)
“द सॉर्सरर’ज रिंग में एक त्वरित सफलता के लिए सभी सामग्री है: षडयंत्र, षडयंत्र का विरोध, रहस्य, बहादुर शूरवीर, और खिलते रिश्तों से टूटते दिल, धोखा और विश्वासघात। कई घंटों तक यह आपका मनोरंजन करेगी, और हर उम्र के लोगों को खुश रखेगी। मिथक के सभी पाठकों के स्थायी पुस्तकालय के लिए इसकी सिफारिश की जाती है।”
-बुक्स एवं मूवी समीक्षा, रॉबर्टो मैटोस
“राइस के मनोरंजक महाकाव्य मिथक [द सॉर्सरर’ज रिंग] में एक मजबूत व्यवस्था, प्राचीन स्कॉटलैंड और उसके इतिहास से अत्यधिक प्रेरित, और दरबारी साज़िशों की एक अच्छी समझ से युक्त पारम्परिक शैली के गुण शामिल है।”
-किर्कुस समीक्षा
“मॉर्गन राइस द्वारा बनाया गया थोर का चरित्र मुझे बहुत पसंद आया और दुनिया जिसमें वह रहता था। पृष्ठभूमि और घुमने वाले जीवों को बहुत अच्छी तरह से वर्णित किया गया... मैंने [साजिश] का आनंद लिया। यह छोटे और प्यारे थे.... मामूली पात्रों की मात्रा सटीक थी, इसलिए मुझे उलझन नहीं हुई। वहाँ रोमांचक और दु: खद क्षण थे, लेकिन दर्शाये गये एक्शन ज्यादा विचित्र नहीं लगे। पुस्तक एक किशोर पाठक के लिए उपयुक्त है... कुछ उल्लेखनीय की शुरुआत वहाँ हैं...”
-सान फ्रांसिस्को पुस्तक समीक्षा
“द सॉर्सरर’ज रिंग श्रृंखला महाकाव्य मिथक की एक्शन से भरपूर इस पहली पुस्तक (जो वर्तमान में १४ पुस्तक गहरी है) में, राइस १४ वर्षीय थोर्ग्रिन “थोर” का पाठकों से परिचय कराते हैं जिसका सपना राजा की सेवा करने वाले विशिष्ट नाइटों की सिल्वर सेना में शामिल होना है.... राइस का लेखन ठोस और आधार पेचीदा है।”
-पब्लिशर्स वीकली
“[ए क्वेस्ट ऑफ हीरोज] पढने में त्वरित और बेहद सरल है। अध्यायों के अंत इतने रोचक हैं कि आगे क्या होगा यह पढ़ने के लिए आप इसे नीचे नहीं रखना चाहेंगे। वहाँ पुस्तक में कुछ उथल-पुथल हैं और कुछ हल्की-फुलकी गलतियाँ हैं, लेकिन यह समग्र कहानी से विचलित नहीं करती। पुस्तक के अंत में मुझे तुरंत अगली पुस्तक लेने की इच्छा हुई और मैंने यही किया भी। द सॉर्सरर’ज रिंग सभी नौ श्रृंखला किंडल स्टोर से खरीदी जा सकती है और और ए क्वेस्ट ऑफ हीरोज आरंभ करने के लिए वर्तमान में आपके लिए नि: शुल्क है! अगर आप छुट्टी पर पढ़ने के लिए त्वरित और मजेदार कुछ देख रहे हैं तो यह पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी।”
-फैंटसीऑनलाइन.नेट
मॉर्गन राइस की पुस्तकें
द सॉर्सरर’ज रिंग
ए क्वेस्ट ऑफ हीरोज (पुस्तक #१)
ए मार्च ऑफ किंग्स (पुस्तक #२)
ए फेट ऑफ ड्रैगन्स (पुस्तक #३)
ए क्राई ऑफ हॉनर (पुस्तक #४)
ए वाउ ऑफ ग्लोरी (पुस्तक #५)
ए चार्ज ऑफ वेलर (पुस्तक #६)
ए राईट ऑफ स्वोर्ड्स (पुस्तक #७)
ए ग्रांट ऑफ आर्म्स (पुस्तक #८)
ए स्काई ऑफ स्पेल्स (पुस्तक #९)
ए सी ऑफ शील्ड्स (पुस्तक #१०)
ए रेइन ऑफ स्टील (पुस्तक #११)
ए लैंड ऑफ फायर (पुस्तक #१२)
ए रुल ऑफ क्वीन्स (पुस्तक #१३)
एन ओथ ऑफ ब्रदर्स (पुस्तक #१४)
द सर्वाइवल ट्राइलॉजी
एरीना वन: सलेवरसनर्स (पुस्तक #१)
एरीना टू (पुस्तक #२)
द वैम्पायर जर्नल्स
टर्न्ड (पुस्तक #१)
लव्ड (पुस्तक #२)
बिट्रेड (पुस्तक #३)
डेस्टिन्ड (पुस्तक #४)
डिजायर्ड (पुस्तक #५)
बिट्रोद्ड (पुस्तक #६)
वाउड (पुस्तक #७)
फाउंड (पुस्तक #८)
रेज़रेक्टेड (पुस्तक #९)
क्रेव्ड (पुस्तक #१०)
फेटिड (पुस्तक #११)
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द सोर्सररज रिंग को ऑडियो पुस्तक प्रारूप में सुनें
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मॉर्गन राइस द्वारा कॉपीराइट © २०१२
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यह काल्पनिक कार्य है। नाम, चरित्र, व्यवसाय, संगठन, स्थान, घटनायें और कथानक या तो लेखक की कल्पना का उत्पाद हैं या इनका उपयोग अवास्तविक हैं। जीवित या मृत वास्तविक व्यक्तियों से किसी भी प्रकार की समानता एक संयोग मात्र है।
जैकेट छवि कॉपीराइट रज़ूमगेम, Shutterstock.com से लाइसेंस के तहत इस्तेमाल की गयी है।
विषय-सूची
अध्याय एक
अध्याय दो
अध्याय तीन
अध्याय चार
अध्याय पांच
अध्याय छह
अध्याय सात
अध्याय आठ
अध्याय नौ
अध्याय दस
अध्याय ग्यारह
अध्याय बारह
अध्याय तेरह
अध्याय चौदह
अध्याय पंद्रह
अध्याय सोलह
अध्याय सत्रह
अध्याय अठारह
अध्याय उन्नीस
अध्याय बीस
अध्याय इक्कीस
अध्याय बाईस
अध्याय तेईस
अध्याय चौबीस
अध्याय पच्चीस
अध्याय छब्बीस
अध्याय सत्ताईस
अध्याय अट्ठाईस
“ताज पहनने वाले सिर का असहज होना निहित है।”
विलियम शेक्सपियर
हेनरी चतुर्थ, भाग द्वितीय
अध्याय एक
रिंग के पश्चिमी राज्य के निचले इलाके की सबसे ऊंची पहाड़ी पर उत्तर की ओर चढ़ते सूरज को देखता हुआ एक लड़का खड़ा था। दूर तक फैली हरी पहाड़ियाँ, जो बहुत सी घाटियों और चोटियों की कभी गिरती हुयी और कभी ऊँट के कूबड़ की तरह उठी हुयी एक श्रृंखला जैसी थी, जहाँ तक उसकी नज़र जाती वह उन्हें देख रहा था। लड़के का मनोभाव ऐसा था मानो सुबह की धुंध को छूता हुआ, उन्हें प्रकाशमान करता हुआ, जलती सूरज की नारंगी किरणें, जैसे रौशनी को जादूई बना रहा हो। वह शायद ही कभी इतनी जल्दी उठा था या घर से कभी इतनी दूर निकल आया हो — और यह जानते हुए कि उसे अपने पिता का प्रकोप झेलना होगा उसने कभी भी इतनी चढ़ाई नहीं की थी। लेकिन आज के दिन वो बेपरवाह था। आज के दिन उसने अपने ऊपर लाखों नियमों और कार्यों को अनदेखा किया जिन्होंने उसे चौदह वर्षों से दबा रखा था। लेकिन आज का दिन हट कर था। आज के दिन उसका भाग्य बदल गया था।
दक्षिणी प्रांत के पश्चिमी राज्य के मैकलियोड कबीले का लड़का थोर्ग्रिन जिसे सभी बस थोर के नाम से जानते थे — चार पुत्रों में से सबसे छोटा और अपने पिता का सबसे कम पसंदीदा इस दिन की प्रतीक्षा में ही पूरी रात जागा था। वह सूरज की पहली किरण के इंतज़ार में रात भर धुंधली आँखें लिए करवट बदलता रहा। आज का यह दिन कई वर्षों में बस एक बार आता है, और यदि कोई चूक हो जाए तो वह बस इस गाँव में हमेशा के लिए फंस जाएगा, और जीवन भर बस अपने पिता के मवेशियों की देखभाल करने के लिए मजबूर हो जाएगा। बस उस से यही ख़याल सहन नहीं हो रहा था।
सेना में अनिवार्य भर्ती होने का दिन। यह वो अकेला दिन था जब राजा की सेना राजा की फ़ौज में शामिल होने के लिए प्रांतों से स्वयंसेवकों को व्यक्तिगत रूप से चुनती थी। जबसे उसने होश संभाला था, थोर ने कभी भी कोई ओर सपना नहीं देखा था। उसका तो जीवन में बस एक ही लक्ष्य था: राजा के दोनों साम्राज्यों में कहीं भी, बेहतरीन कवच में सुसज्जित हो कर राजा के नाइटों के विशिष्ट बल सिल्वर में शामिल होना। और सिल्वर में शामिल होने से पहले हर किसी को चौदह से उन्नीस वर्ष तक की उम्र के मध्य अनुचरों की गिनती में शामिल होना आवश्यक था। और यदि कोई कुलीन वंश का या किसी प्रसिद्ध योद्धा का बेटा नहीं था, तो सेना में शामिल होने का कोई ओर उपाय नहीं था।
अनिवार्य भर्ती का दिन ही एकमात्र अपवाद था, एक ऐसी दुर्लभ घटना जब हर थोड़े से सालों में राजा के लोग नए रंगरूटों की तलाश में जगह-जगह घूमते थे। सब जानते थे की आम जनता में से बस बहुत थोड़े से ही चुने जाते थे — और उनमें से भी बहुत ही कम लोग वास्तव में राजा की सेना में शामिल हो पाते थे।
किसी भी तरह के इशारे के लिए थोर ने पूरे इलाके का सूक्ष्मता से अध्ययन किया। सिल्वर में शामिल करने के लिए, वह जानता था कि गाँव की ओर जाने वाला यही एक अकेला रास्ता है और वह चाहता था कि सबसे पहले उन्हें बस वो नज़र आए। ऐसा लग रहा था मानो उसके इर्द-गिर्द सभी भेड़ों ने जैसे बगावत कर दी हो और बहुत ही भद्दे तरीके से उसे चट्टान के नीचे की ओर, जहाँ चरने के अच्छे आसार थे, जाने के लिए उकसा रहे थे। उसने बढ़ते शोर और बदबू रोकने के लिए प्रयास किया। उसके लिए अब ध्यान केंद्रित करना जरूरी था।
भेड़ों को चराना, अपने पिता का और अपने भाईयों का सेवक बने रहना, किसी को भी उसकी कोई परवाह नहीं थी और फिर भी वह इतने सालों तक यह सब सहता रहा केवल इसीलिए कि एक दिन वो इस गाँव को छोड़ कर जा सके। और एक दिन जब सिल्वर आयेंगें और वो चुन लिया जाएगा, तो वे लोग जिन्होंने उसे कभी कुछ समझा ही नहीं, हैरत में पड़ जायेंगें। एक ही बार में वो उनकी घोड़ागाड़ी में चढ़ जाएगा और इन सब को अलविदा कह कर निकल जायेगा।
ज़ाहिर है, थोर के पिता ने उसे सेना में भर्ती होने के काबिल कभी समझा ही नहीं, और सच तो यह है कि वो उसे किसी भी काम के लिए काबिल मानता ही नहीं था। इसके बजाय, उसके पिता थोर के तीनों बड़े भाइयों पर अपना पूरा ध्यान और प्यार लुटाते थे। सबसे बड़ा भाई १९ का था और बाकी दोनों शायद १-१ साल छोटे थे और थोर उन लोगों से कम से कम तीन साल छोटा था। तीनों की उम्र एक जैसी थी इसीलिए थोर से बिलकुल अलग और एक जैसे ही दीखते भी थे और शायद यही वजह रही होगी कि वे तीनों थोर के अस्तित्व तक को नहीं स्वीकारते थे।
और वे लोग उस से लम्बे, चौड़े और मजबूत थे, और थोर जानता था कि वो उन लोगों से कम नहीं है फिर भी अपने आप को बहुत छोटा महसूस करता था। उसके पिता ने इन बातों को सुलझाने का कभी कोई प्रयास नहीं किया — वो तो बस इन सब बातों के खूब मज़े लेता था — जहाँ एक और थोर के तीनों भाई प्रशिक्षण लेते वहीँ दूसरी ओर थोर को बस भेड़ें चराने और हथियारों को तेज करने का काम दिया जाता। यह कोई कही जाने वाली बात नहीं थी कि थोर को अपनी पूरी ज़िन्दगी यूं ही अपने भाईयों को महान कार्य करते देख गुज़ारनी होगी, यह तो बस समझने वाली बात थी। यदि उसके पिता और भाईयों के वश में होता तो वे बस यही चाहते थे कि वो वहीँ रह कर बस परिवार की सेवा करते रहे, उसके भाग्य में होता तो ये गाँव उसको निगल जाता।
अविश्वसनीय मगर इससे भी बद्तर स्थिति यह थी कि थोर को अब लगने लगा था कि उसके भाईयों को अब वह संकट लगने लगा है और शायद उससे नफरत भी करते थे। थोर यह सब अब उनकी हर एक दृष्टि में, यहाँ तक कि हर इशारे में देख पा रहा था। यह कैसे संभव है उसे समझ में नहीं आ रहा था, लेकिन वो उनके मन में एक तरह का भय या ईर्ष्या जैसा कुछ पैदा कर रहा था। यह सब इसीलिए था क्योंकि वह शायद उनसे हट कर था, वह उन से अलग दिखता था या फिर उसके बात करने का अंदाज़ उन लोगों जैसा नहीं था; वो तो उनके जैसे कपडे भी नहीं पहनता था, उसके पिता सबसे बढ़िया बैंगनी और लाल रंग के वस्त्र, भव्य अस्त्र उसके भाईयों के लिए बचा कर रखते थे, जबकि थोर तो बस भद्दे किस्म के चीथड़े पहनता था।
बहरहाल, थोर उपलब्ध सभी वस्तुओं में से कुछ अच्छा निकाल ही लेता था, अपने कपड़ों को सही करने का तरीका खोजते हुए उसने अपने फ्रॉक को एक सैश के सहारे कमर पर बाँध दिया, और अब जबकि गर्मियाँ आ गई थी, उसने अपने फ्रॉक के आस्तीन को काट दिया ताकि उसके मजबूत बाजुओं को हवा छू सके। उसकी इकलौती जोड़ी की कमीज मोटे लिनेन से बनी पैंट से मेल करती थी और सबसे घटिया किस्म के चमड़े से बने उसके जूते के फीते पिंडली से बंधे होते थे। वे उसके भाइयों से जरा भी मुकाबला नहीं करते पर वह उनसे काम चला लेता था। उसकी वर्दी ठेठ चरवाहे जैसी थी।
लेकिन शायद ही उसका कोई विशिष्ट आचरण रहा हो। थोर पतला और लम्बा था, प्रभावशाली जबड़ों, मंझे हुए गाल और स्लेटी आँखों को लिए वह एक विस्थापित योद्धा की तरह लग रहा था। उसके सीधे और भूरे रंग के बाल जो बस उसके कान के नीचे तक है लहरों की तरह उसके पीठ को छू रहीं थी और उसके बालों की लटों के पीछे से उसकी आँखें ऐसी चमक रहीं थी मानो जैसे प्रकाश में छोटी सी मछली चमकती है।
थोर के भाइयों को आज बहुत अच्छा भोजन दिया जायेगा, वे सुबह देर तक सो सकेगें और बेहतरीन हथियारों और अपने पिता के आशीर्वाद के साथ उन्हें चयन के लिए भेज दिया जाएगा, जबकि थोर को जाने की इजाजत तक नहीं थी। उसने एक बार अपने पिता के साथ इस मुद्दे को उठाने का प्रयास किया था। लेकिन बातचीत बिलकुल भी ठीक नहीं रही। उसके पिता ने तो बस संक्षिप्त में ही बातचीत बंद कर दी, और उसने भी फिर कभी दुबारा कोशिश नहीं की। यह बिलकुल भी उचित नहीं था।
थोर ने अपने पिता द्वारा उसके लिए निर्धारित भाग्य को ना मानने का मन बना लिया था। शाही कारवां का पहला संकेत मिलते ही वो बस भाग कर घर जाएगा, अपने पिता का सामना करेगा, चाहे वो इस बात को पसंद करें या नहीं वो अपने आप को राजा के आदमियों से मिलवायेगा। वह दूसरों के साथ चयन के लिए खड़ा हो जाएगा। उसके पिता उसे नहीं रोक पाएंगे। यह सब सोचकर मानो जैसे पेट में बल पड़ गए थे।